"health is wealth " ये हम सब सदियों से सुनते आ रहे है और हमारी पीढ़ियों को भी सुनाते है! पर क्या आपने सोचा की हम दरअसल एक तकिया कलाम बना इस्तेमाल कर रहे है। .. आज के समय में हर दूसरा आदमी डाक्टर है हम एक दूसरे को स्वाथ्य पर ज्ञान दे कर साथ में अपना गुणगान भी बताते है के में अभी क्या कर रहा हु इसलिए ठीक हु!
यहाँ ऊपर एक शब्द और लिखा है "ignorance" जिसका मतलब आप सभी जानते ही हो "अनदेखा करना या अज्ञानता भी कह सकते है की किसी चीज को देख के अनभिज्ञ रहना।
ऊपर लिखी दोनों बातो का पालन अभी हम कर रहे है जो भी घातक बीमारिया फ़ैल रही है उनके चलते ज्ञान दुनिया भर का दे रहे है। .सोशल मीडिया का सहारा ले कर। जागरूक नागरिक बनने की शांति का अनुभव जरूर कर लेते है।
पर क्या हमने जब तक कोई बदलाव या सरकार के नियमो का पालन किया ,जब तक हमारे शहर में कोई उस बीमारी का मरीज पाया न गया हो! तब तक हम सिर्फ चुटकले बना के या फिर किसी फिजूल के मेसेज को लोगो तक पहुंचा के अपना मनोरंजन कर रहे है।
एक बार सोचो क्या अपने परिवार में कोई सदस्य बीमार हो तो क्या आप तब तक उसको अस्पताल नहीं ले जायेंगे जब तक वो तड़पने न लग जाये परेशान हो के। ..पर हम ऐसा कभी नहीं करते हम तुरंत उसे अस्पताल ले जाते है घर आते ही उसका कमरा साफ करवा के उसके देखभाल की ज़िम्मेदारी बता देते है सब को ,और चिंता सताती है इसको जल्दी कैसे ठीक करे।
तो क्या हम जिस बड़े से परिवार का हिस्सा है उसके प्रति ये नहीं कर सकते। हमारे देश हमारे परिवार की तरह है अगर कोई सदस्य कोरोना या किसी भी महामारी से ग्रसित हो रहा है तो कोनसा हमसे इलाज के पैसे ले रहे है सिर्फ साथ ही तो माँगा है सरकार ने। ...
अब इसमें भी हम अपनी लगा रहे है मेने देखा है कई कस्बों के लोग तो इस तरह लापरवाह है ये बोल के हमारे इधर अभी आया नहीं कोरोना !ये तो हद्द ही हो गयी लापरवाही की !!!
मतलब अभी भी तुम हिन्दू- मुस्लिम ,बीजेपी- कांग्रेस, या मोदी जी ने कहा है तो पीछे क्या राज है इस पर चर्चा हो रही है !
एक बार ऐसा सोच लो मुझे हो गया कोरोना अब मेरी फॅमिली को बचाना है कुछ दिन दूरिया बना लो जो हमेशा आपके अपनों के पास रखेगा..
अभी भी समय है दोस्तों अपने भारत जैसे सुन्दर परिवार को बचाने में साथ दे दीजिये... इसमें उनकी जगह हम भी हो सकते है जिनकी चर्चा आज हम नेट पर या न्यूज़ पर देख कर करते हैं। ..
यहाँ ऊपर एक शब्द और लिखा है "ignorance" जिसका मतलब आप सभी जानते ही हो "अनदेखा करना या अज्ञानता भी कह सकते है की किसी चीज को देख के अनभिज्ञ रहना।
ऊपर लिखी दोनों बातो का पालन अभी हम कर रहे है जो भी घातक बीमारिया फ़ैल रही है उनके चलते ज्ञान दुनिया भर का दे रहे है। .सोशल मीडिया का सहारा ले कर। जागरूक नागरिक बनने की शांति का अनुभव जरूर कर लेते है।
पर क्या हमने जब तक कोई बदलाव या सरकार के नियमो का पालन किया ,जब तक हमारे शहर में कोई उस बीमारी का मरीज पाया न गया हो! तब तक हम सिर्फ चुटकले बना के या फिर किसी फिजूल के मेसेज को लोगो तक पहुंचा के अपना मनोरंजन कर रहे है।
एक बार सोचो क्या अपने परिवार में कोई सदस्य बीमार हो तो क्या आप तब तक उसको अस्पताल नहीं ले जायेंगे जब तक वो तड़पने न लग जाये परेशान हो के। ..पर हम ऐसा कभी नहीं करते हम तुरंत उसे अस्पताल ले जाते है घर आते ही उसका कमरा साफ करवा के उसके देखभाल की ज़िम्मेदारी बता देते है सब को ,और चिंता सताती है इसको जल्दी कैसे ठीक करे।
तो क्या हम जिस बड़े से परिवार का हिस्सा है उसके प्रति ये नहीं कर सकते। हमारे देश हमारे परिवार की तरह है अगर कोई सदस्य कोरोना या किसी भी महामारी से ग्रसित हो रहा है तो कोनसा हमसे इलाज के पैसे ले रहे है सिर्फ साथ ही तो माँगा है सरकार ने। ...
अब इसमें भी हम अपनी लगा रहे है मेने देखा है कई कस्बों के लोग तो इस तरह लापरवाह है ये बोल के हमारे इधर अभी आया नहीं कोरोना !ये तो हद्द ही हो गयी लापरवाही की !!!
मतलब अभी भी तुम हिन्दू- मुस्लिम ,बीजेपी- कांग्रेस, या मोदी जी ने कहा है तो पीछे क्या राज है इस पर चर्चा हो रही है !
एक बार ऐसा सोच लो मुझे हो गया कोरोना अब मेरी फॅमिली को बचाना है कुछ दिन दूरिया बना लो जो हमेशा आपके अपनों के पास रखेगा..
अभी भी समय है दोस्तों अपने भारत जैसे सुन्दर परिवार को बचाने में साथ दे दीजिये... इसमें उनकी जगह हम भी हो सकते है जिनकी चर्चा आज हम नेट पर या न्यूज़ पर देख कर करते हैं। ..
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